हिंदी भाषा प्रकोष्ठ

संघ का राजकीय कार्य हिंदी में करने के लिए वर्ष 2024-25 का वार्षिक कार्यक्रम (वार्षिक कार्यक्रम 2024-25.pdf)

Annual Programme for transacting the Official Work of the Union in Hindi during 2024-25


राजभाषा नीति संबंधी महत्वपूर्ण दिशा निर्देश

  1. केन्द्रीय सरकार के प्रत्येक कार्यालय के प्रशासनिक प्रधान का यह उत्तरदायित्व है कि वह यह सुनिश्चित करें कि राजभाषा अधिनियम और नियम के उपबंधों का समुचित रूप से अनुपालन हो रहा है और इस प्रयोजन के लिए उपयुक्त और प्रभावकारी जांच के उपाय करें |

  2. संस्थान के सभी कर्मचारियों एवं अधिकारियों को हिंदी का ज्ञान आवश्यक है एवं सभी कर्मचारियों एवं अधिकारियों को सभी शासकीय कार्य हिंदी में ही करने चाहिये |

  3. संस्थान के सभी लेटर हेड हिंदी तथा अंग्रेजी (द्विभाषीय) में हों |

  4. संस्थान की सभी स्टाम्प भी हिंदी तथा अंग्रेजी (द्विभाषीय) में हों |

  5. प्रत्येक कार्यालय में प्रयोग किए जानेवाले रजिस्टरों के प्रारूप और शीर्षक हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषा में हो |

  6. हिंदी में प्राप्त पत्र का उत्तर हिंदी में ही दिया जाए | यदि पत्र अंग्रेजी में हो एवं हस्ताक्षर हिंदी में हो तो भी पत्र का उत्तर हिंदी में ही दिया जाए |

  7. सभी संहिता और प्रक्रिया संबंधी अन्य साहित्य हिंदी और अंग्रेजी में द्विभाषी रूप में मुद्रित किया जाए या प्रकाशित किया जाए | दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने वाले व्यक्ति का उत्तरदायित्व है कि वह यह सुनिश्चित करें कि दस्तावेज हिंदी और अंग्रेजी दोनों में तैयार/ निष्पादन / जारी किया गई है |

  8. संस्थान में सभी नाम पट्ट, सूचना पट्ट, पत्र शीर्ष और लिफाफों पर उत्तीर्ण लेख तथा लेखन सामग्री की अन्य मदें हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में लिखी जाए व मुद्रित या उत्तीर्ण की जाए |

  9. विभागों द्वारा हिंदी मासिक रिपोर्ट को समय से हिंदी राजभाषा अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत किया जाये |

  10. हिंदी विज्ञापनों पर खर्च, विज्ञापनों पर किये गए कुल खर्च का 50% या इससे अधिक होना चाहिये |


राजभाषा अधिनियम 1976

नियम 5 : हिंदी में प्राप्त पत्रों का उत्तर केवल हिंदी में ही देना है |

नियम 6 : राजभाषा अधिनियम 1963 की धारा 3(3) के अंतर्गत आने वाले 14 दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने वाले व्यक्ति का उत्तरदायित्व है कि वह यह सुनिश्चित करें कि यह दस्तावेज हिंदी और अंग्रेजी दोनों में तैयार की गई है, निष्पादन की गई है या जारी की गई है |

नियम 11 :

  • सभी संहिता और प्रक्रिया संबंधी अन्य साहित्य हिंदी और अंग्रेजी में द्विभाषी रूप में मुद्रित किया जाए या प्रकाशित किया जाए |

  • केन्द्रीय सरकार के किसी कार्यालय में प्रयोग किए जानेवाले रजिस्टरों के प्रारूप और शीर्षक हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषा में हो |

  • केन्द्रीय सरकार के किसी कार्यालय में प्रयोग लिए सभी नाम पट्ट, सूचना पट्ट, पत्र शीर्ष और लिफाफों पर उत्तीर्ण लेख तथा लेखन सामग्री की अन्य मदें हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में लिखी जाए व मुद्रित या उत्तीर्ण की जाए |

नियम 12 :केन्द्रीय सरकार के प्रत्येक कार्यालय के प्रशासनिक प्रधान का यह उत्तरदायित्व है कि वह यह सुनिश्चित करें कि राजभाषा अधिनियम और नियम के उपबंधों का समुचित रूप से अनुपालन हो रहा है और इस प्रयोजन के लिए उपयुक्त और प्रभावकारी जांच के उपाय करें |


राजभाषा अधिनियम 1963 की धारा 3(3) के अंतर्गत आने वाले 14 दस्तावेज:

सामान्य आदेश (General Order) अधिसूचनाएं (Notification) प्रेस विज्ञप्तिययाँ / संसूचनाएं (Press Release / Advertisements) नियम (Provisions / Rules) करार (Agreement)
अनुज्ञप्ति (License)अनुज्ञा पत्र (Permit)निविदा सूचनाएं (Tender Notice) सूचनाएं (Notice) प्रतिवेदन (Report)
संकल्प (Resolution)संविदा (Contract)निविदा फार्म (Tender Form)संसद के किसी भी सदन या सदनों के समक्ष रखी जाने वाली प्रशासनिक तथा अन्य रिपोर्ट

हिंदी बोले जाने और लिखे जाने की प्रधानता के आधार पर देश के सभी राज्यों तथा संघ राज्यों का 3 क्षेत्रों में वर्गीकरण :

क्षेत्रराज्य तथा संघ राज्य
क क्षेत्र बिहार, छत्तीसगढ, हरयाणा, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, मध्यप्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड राज्य और अंडमान तथा निकोबार द्वीप समूह, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, दिल्ली संघ राज्य क्षेत्र ।
ख क्षेत्रगुजरात, महाराष्ट्र और पंजाब राज्य तथा चंडीगढ, दमण और दीव तथा दादरा एवं नगर हवेली संघ राज्य क्षेत्र ।
ग क्षेत्र 'क' और 'ख' क्षेत्र में शामिल नहीं किये गए अन्य सभी राज्य या संघ राज्य क्षेत्र । आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, असम, गोवा, कर्नाटक, केरल, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, ओडिशा, सिक्किम, तमिलनाडु, तेलंगाना, त्रिपुरा, पश्चिम बंगाल, जम्मू और कश्मीर, लद्दाख, लक्षद्वीप |
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